Successful Indian army के बारे मे,,भारतीय के बारे मे? 2025

भारतीय सशस्‍त्र सेनाएंभारत सरकार

भारत की तथा इसके प्रत्‍येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी है। भारतीय शस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास है। राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्री मंडल के पास होता है। इसके निर्वहन रक्षा मंत्रालय से किया जाता है, जो सशस्‍त्र बलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनके दायित्‍व के निर्वहन के लिए नीतिगत रूपरेखा और जानकारियां प्रदान करता है। भारतीय शस्‍त्र सेना में तीन प्रभाग हैं: भारतीय थल सेना, भारतीय नौ सेना और भारतीय वायु सेना।

भारतीय उप महाद्वीप में सेना की ताकत और राज्‍यों के शासन के नियंत्रण की तलाश में अनेक साम्राज्‍यों का आसंजक जमाव देखा गया। जैसे जैसे समय आगे बढ़ा सामाजिक मानकों को एक झण्‍डे तले कार्य स्‍थल के लोकाचार, अधिकारों और लाभों की प्रणाली तथा सेवाएं प्राप्‍त हुई।

जैसा कि हम जानते हैं भारत सेना ब्रिटिश उपनिवेशवाद से स्‍वतंत्रता पाने के बाद देश में प्रचालनरत हुई। भारतीय थल सेना का मुख्‍यालय नई दिल्‍ली में स्थित है और यह चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ (सीओएएस), जो समग्र रूप से सेना की कमान, नियंत्रण और प्रशासन के लिए उत्तरदायी है। सेना को 6 प्रचालन रत कमांडों (क्षेत्र की सेनाएं) और एक प्रशिक्षण कमांड में बांटा गया है, जो एक लेफ्टिनेंट जनरल के नियंत्रण में होती है, जो वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ (वीसीओएएस) के समकक्ष होते हैं और नई दिल्‍ली में सेना मुख्‍यालय के नियंत्रण में कार्य करते हैं।

आधुनिक भारत नौ सेना

की नीव 17वीं शताब्‍दी में रखी गई थी, जब ईस्‍ट इंडिया कंपनी ने एक समुद्री सेना के रूप में ईस्‍ट इंडिया कंपनी की स्‍थापना की और इस प्रकार 1934 में रॉयल इंडियन नेवी की स्‍थापना हुई। भारत नौ सेना का मुख्‍यालय नई दिल्‍ली में स्थित है और यह मुख्‍य नौ सेना अधिकारी – एक एड‍मिरल के नियंत्रण में होता है।

भारतीय नौ सेना 3 क्षेत्रों की कमांडों के तहत तैनात की गई है, जिसमें से प्रत्‍येक का नियंत्रण एक फ्लैग अधिकारी द्वारा किया जाता है। पश्चिमी नौ सेना कमांड का मुख्‍यालय अरब सागर में मुम्‍बई में स्थित है; दक्षिणी नौ सेना कमांड केरल के कोच्चि (कोचीन) में है तथा यह भी अरब सागर में स्थित है; पूर्वी नौ सेना कमांड बंगाल की खाड़ी में आंध्र प्रदेश के विशाखापट्नम में है।

भारतीय वायु सेना की स्‍थापना 8 अक्‍तूबर 1932 को की गई और 1 अप्रैल 1954 को एयर मार्शल सुब्रोतो मुखर्जी,

भारतीय नौ सेना के एक संस्‍थापक सदस्‍य ने प्रथम भारत वायु सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला। समय बितने के साथ भारतीय वायु सेना ने अपने हवाई जहाजों और उपकरणों में अत्‍यधिक उन्‍नयन किए हैं और इस प्रक्रिया के भाग के रूप में इसमें 20 नए प्रकार के हवाई जहाज शामिल किए हैं। 20वीं शताब्‍दी के अंतिम दशक में भारत वायु सेना में महिलाओं को शामिल करने की पहल के लिए संरचना में असाधारण बदलाव किए गए, जिन्‍हें अल्‍प सेवा कालीन कमीशन हेतु लिया गया यह ऐसा समय था जब वायु सेना ने अब तक के कुछ अधिक जोखिम पूर्ण कार्य हाथ में लिए हुए थे।

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